HIV एड्स कैसे होता है – HIV AIDS Kaise Hota Hai in Hindi – एड्स के लक्षण





HIV एड्स कैसे होता है (HIV AIDS Kaise Hota Hai in Hindi) : आज हम आपको विस्तार से बताएँगे कि एड्स कैसे होता है, HIV कैसे होता है, HIV एड्स कैसे होता है। आज हम आपको आपके सभी प्रश्नों के जवाब देने की कोशिश करेंगे, जैसे कि – एड्स क्या है, HIV क्या है, HIV एड्स क्या है, HIV एड्स के लक्षण, एड्स के कारण, एड्स का इलाज। अगर आप Google में Search कर रहे हैं कि HIV AIDS Kaise Hota Hai in Hindi, AIDS Kaise Hota Hai, HIV AIDS ke Lakshan तो आप बिलकुल सही जगह पर हैं। आज हम आपको आपके इन सभी प्रश्नों के जवाब विस्तार से देंगे।




कुछ रोग इतने खतरनाक होते हैं कि व्यक्ति उनका केवल नाम सुनकर ही सिहर उठता है। ये रोग इतने भयावह होते हैं कि व्यक्ति को उनका नाम सुनते ही पसीना आने लगता है। ऐसा ही एक रोग है – एड्स। एड्स इतना खतरनाक रोग है जो किसी व्यक्ति को मारने से पहले ही उसे न जाने कितनी बार मार देता है। एड्स रोग की कल्पना मात्र से ही इंसान काँपने लगता है।

यह एक ऐसा रोग है जो यदि किसी व्यक्ति को हो जाए तो उसकी जान चले जाने तक उसका साथ नहीं छोड़ता है। एड्स एक ऐसा रोग है जिसकी परिवार वालों और दोस्तों से चर्चा करने में भी व्यक्ति कतराता है। समाज में इस रोग को बहुत ही घृणा की दृष्टि से देखा जाता है। व्यक्ति समाज में किसी के साथ इसकी चर्चा नहीं कर सकता है।

वह अपने आप में ही तिल-तिल कर मरता है। घुट-घुट कर जीवन जीने को मजबूर हो जाता है। इंसान मरने से पहले ही अपने आपको मरा हुआ महसूस करने लगता है। उसके जीवन के सारे ख्वाब बिखर जाते हैं। उसे अपने चारों ओर बस अँधेरा ही अँधेरा नजर आने लगता है। उसे अपने जीवन में इन्तजार रह जाता है तो बस मौत का।

HIV AIDS Kya Hai (What is AIDS in Hindi)





हमारे शरीर में विशेष प्रकार की कणिकाएँ पायी जाती जिनको हम श्वेत रुधिर कणिकाएँ (W.B.C.) कहते हैं। ये कणिकाएँ हमारे शरीर में प्रवेश करने वाले खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस को मारकर हमारे शरीर की सुरक्षा करती हैं।

एक तरह से ये कणिकाएँ ठीक उसी तरह से काम करती हैं, जिस तरह से किसी देश की सेना काम करती है। जिस तरह से किसी देश की सेना दुश्मनों को मारकर देश की सुरक्षा करती है, ठीक उसी तरह से ये कणिकाएँ भी रोग फ़ैलाने वाले हमारे शरीर के दुश्मनों को मारकर हमारे शरीर की सुरक्षा करती हैं।

क्या होगा यदि किसी देश की सेना ही नष्ट कर दी जाए ? इसका जवाब बहुत ही आसान है। देश की सेना नष्ट हो जाएगी तो उस देश में दुश्मनों का आना बहुत ही आसान हो जाएगा। धीरे-धीरे उस देश पर दुश्मनों का नियंत्रण हो जाएगा।




ठीक उसी तरह से अगर हमारे शरीर की ये कणिकाएँ नष्ट कर दी जाएँ तो हमारे शरीर पर कोई भी बैक्टीरिया या वायरस आसानी से हमला कर सकता है। एड्स वायरस ठीक ऐसा ही करता है। वह हमारे शरीर की सुरक्षा करने वाले इन सैनिकों को ही मार देता है। जिसकी वजह से हमारा शरीर छोटे से छोटे बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में भी अक्षम हो जाता है।

किसी भी रोग का बैक्टीरिया या वायरस हमारे शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकता है। हम नयी-नयी बीमारियों के शिकार होते चले जाते हैं। छोटी से छोटी बीमारी से छुटकारा पाना भी मुश्किल हो जाता है। दवा को कोई असर नहीं होता है। अगर होता भी है तो कुछ समय के लिए। धीरे-धीरे हमारा पूरा शरीर रोगों का घर बनता चला जाता है। इसका नतीजा यह निकलता है कि अन्त में व्यक्ति की मौत हो जाती है।

HIV एड्स कैसे होता है (HIV AIDS Kaise Hota Hai in Hindi)

एड्स होने के लिए एड्स के वायरस का आपके शरीर में प्रवेश करना बहुत जरूरी है। जब तक यह वायरस आपके शरीर में प्रवेश नहीं करता है तब तक आप एड्स से सुरक्षित हैं। जैसे ही इस वायरस को आपके शरीर में प्रवेश करने का मौका मिलता है। यह मरते दम तक आपके शरीर से वाहर नहीं निकलता है। कोई भी दवा इस वायरस को न तो मार सकती है और न ही इसे शरीर से वाहर निकाल सकती है।

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक एड्स के वायरस का संचरण केवल कुछ शारीरिक द्रव्यों के आदान-प्रदान से ही सम्भव है। ये शारीरिक द्रव्य हैं –




1. खून

2. माँ का दूध

3. यौन रस

1. खून : अगर किसी एड्स पीड़ित व्यक्ति का खून किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में, किसी भी तरीके से प्रवेश कर जाए तो वह स्वस्थ व्यक्ति भी एड्स का शिकार हो जाएगा। एड्स वायरस खून में मौजूद होता है। ऐसे में खून के साथ-साथ यह वायरस भी दूसरे व्यक्ति के शरीर में चला जाता है।

2. माँ का दूध : माँ के दूध से भी एड्स के वायरस का संचरण होता है। अगर कोई एड्स पीड़ित महिला अपने बच्चे को अपना स्वयं का दूध पिलाती है तो उसके बच्चे को भी एड्स हो सकता है।

3. यौन रस : सम्भोग करते समय यौन रसों का आदान-प्रदान होता है। ऐसे में यौन रस के द्वारा एड्स वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है और आपको एड्स रोग का शिकार बना सकता है।

एड्स केवल इन तीन शारीरिक द्रव्यों के आदान-प्रदान से ही होता है। कुछ अन्य शारीरिक द्रव्यों, जैसे कि – थूक, बलगम, आँसू, पसीना. मल-मूत्र आदि से एड्स रोग नहीं होता है।

HIV एड्स के कारण (AIDS Kaise Hota Hai, HIV AIDS Reason, Causes)





अगर कोई आपसे पूँछे कि एड्स कैसे होता है तो आपके दिमाग में केवल एक ही कारण आता है – सेक्स। एड्स होने का केवल यही एक कारण नहीं है। इसके अलावा भी एड्स होने के और बहुत से कारण हैं जिनके बारे में आज हम आपको विस्तार से बताएँगे।

1. असुरक्षित यौन सम्बन्ध

यह कारण इस रोग को फ़ैलाने में सबसे अधिक मददगार साबित हुआ है। आज अगर यह बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है तो इसका प्रमुख कारण है – असुरक्षित यौन सम्बन्ध। यौन सम्बन्ध बनाते समय सदैव Condom का प्रयोग करना चाहिए।

2. एक ही ब्लेड का कई व्यक्तियों के द्वारा प्रयोग किया जाना

इसका दूसरा बड़ा कारण है – एक ही ब्लेड का कई व्यक्तियों के द्वारा प्रयोग किया जाना। अगर आपने किसी ऐसे व्यक्ति का ब्लेड इस्तेमाल कर लिया है जो एड्स रोग से पीड़ित है तो ऐसी स्थिति में उस ब्लेड का इस्तेमाल करने से आपको भी एड्स हो सकता है। इस लिए किसी दूसरे का ब्लेड इस्तेमाल करने से बचें।

अक्सर पैसे बचाने के लिए नाई एक ही ब्लेड से कई लोगों की शेव कर देता है, जिसकी वजह से एड्स रोग का खतरा बढ़ जाता है। मान लिया रोहन शेव कराने के लिए नाई के पास जाता है। रोहन को नहीं मालूम है कि उसे एड्स है। नाई जब उसकी शेव करता है तो कट लग जाने की वजह से खून ब्लेड पर लग जाता है।




अब अगर राहुल की शेव करते वक्त भी नाई उसी ब्लेड का इस्तेमाल करता है तो राहुल को भी कट लग सकता है। इस कट की वजह से ब्लेड पर लगा रोहन का खून आसानी से राहुल के शरीर में प्रवेश कर सकता है। ब्लड के साथ-साथ एड्स का वायरस भी राहुल के शरीर में प्रवेश कर जाएगा। फलस्वरूप राहुल भी एड्स का शिकार हो जाएगा।

3. बिना जाँचा हुआ रक्त चढ़ाना

एड्स रोग होने का तीसरा कारण है – किसी व्यक्ति को बिना जाँचा हुआ रक्त चढ़ाना। अगर किसी व्यक्ति को रक्त चढाते समय रक्त की जाँच न की जाए तो ऐसी स्थिति में भी एड्स हो सकता है। वैसे तो अस्पतालों में रक्त की जाँच पहले से ही कर ली जाती है। फिर भी एक बार यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि वह रक्त अच्छी तरह से जाँचा-परखा गया है अथवा नहीं।

4. एक ही सिरिंज का इस्तेमाल





एक ही सिरिंज का कई लोगों के साथ इस्तेमाल करने से भी एड्स हो सकता है। एक सिरिंज का इस्तेमाल एक ही व्यक्ति के लिए करना चाहिए। कभी-कभी अस्पतालों में बार-बार सिरिंज बदलने के झंझट से बचने के लिए कम्पाउण्डर पुरानी सिरिंज से ही इंजेक्शन लगा देते हैं। ऐसी स्थिति में भी आपको एड्स होने की संभावना बढ़ जाती है।

5. माँ से उसके बच्चे को

अगर कोई माँ एड्स की बीमारी से ग्रसित है तो उसे अपने बच्चे को अपना दूध पिलाने से बचना चाहिए। HIV का वायरस दूध के माध्यम से बच्चे के शरीर में प्रवेश कर सकता है।

एड्स कैसे नहीं होता है (इनसे एड्स नहीं फैलता है)

हमारे समाज में एड्स को लेकर कुछ ऐसी भ्रांतियाँ फैली हुई हैं जिनको दूर करना बहुत ही जरूरी है। आज भी लोग नहीं जानते हैं कि एड्स किनसे फैलता है और किनसे नहीं फैलता है। एड्स के सम्बन्ध में कुछ गलत धारणाएँ जो आज समाज में घर कर चुकी हैं, उनको दूर करना स्वस्थ समाज के लिए बहुत जरूरी है। आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि निम्नलिखित कारणों से एड्स नहीं फैलता है –

1. हाथ मिलाने या किसी को छूने से एड्स नहीं फैलता।

2. खाँसने तथा छींकने से एड्स नहीं फैलता।

3. किसी को किस करने या गले लगाने से भी एड्स नहीं फैलता है।

4. साथ-साथ खाना खाने, उठने-बैठने तथा काम करने से भी एड्स नहीं फैलता है।

5. एड्स से पीड़ित व्यक्ति के कपड़े पहनने से भी एड्स नहीं फैलता है।

HIV एड्स के लक्षण (HIV AIDS ke Lakshan in Hindi, HIV AIDS Symptoms)

HIV AIDS Kaise Hota Hai
HIV AIDS Kaise Hota Hai




एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसको आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है। एड्स के लक्षण देखने में तो बहुत ही सामान्य होते हैं लेकिन इनके परिणाम काफी खतरनाक होते हैं। प्रारम्भिक अवस्था में इस बीमारी को पहचानना काफी मुश्किल होता है।

अक्सर लोग एड्स के लक्षणों को सामान्य बीमारियों के लक्षण मानने की भूल कर बैठते हैं। अंत में जब हमें इस रोग का पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। आपको एड्स के लक्षण मालूम होने ही चाहिए क्योंकि यह बीमारी किसी को भी और कभी भी हो सकती है।

1. बेवजह थकान होना

अगर आपको अन्दर से काफी कमजोरी महसूस होती है तो यह एड्स का एक प्रारम्भिक लक्षण हो सकता है। वैसे तो आजकल की भागदौड़ भरी जिन्दगी में कमजोरी महसूस होना आम बात है। लेकिन अगर बिना किसी शारीरिक श्रम के भी आपको कमजोरी महसूस हो या बहुत ज्यादा थकान लगे तो आपको सचेत हो जाना चाहिए।

2. वजन कम होना

हर कोई अपने बढ़े हुए वजन को कम करने की कोशिश करता है लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाता है। अगर बिना किसी प्रयास के ही आपका वजन लगातार कम होता जा रहा हो तो यह आपके लिए चिंताजनक बात हो सकती है।

3. हर समय जुकाम बने रहना

वैसे तो जुकाम 2 से 3 दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है क्योंकि हमारे शरीर की W.B.C. जुकाम के विषाणुओं को नष्ट कर देती हैं। लेकिन अगर आपका जुकाम ठीक नहीं हो रहा हो और हर समय आपको जुकाम बना ही रहे तो आपको जाँच करवानी चाहिए कि कहीं यह एड्स का तो लक्षण नहीं है।

4. भूख कम लगना

अगर आपको अचानक भूख कम लगने लगी हो आपका कुछ भी खाने का मन नहीं करता हो खाने की इच्छा बिलकुल मर गयी हो तो यह भी एड्स का लक्षण हो सकता है।



5. ज्यादा समय तक सूखी खाँसी आना

अगर आपकी खाँसी ठीक नहीं हो रही हो और आपको लगातार सूखी खाँसी आ रही हो तो यह भी एड्स की बीमारी का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको तुरन्त अपने खून की जाँच करवानी चाहिए।

6. बार बार बुखार आना

वैसे तो दवा खाने के बाद बुखार में आराम मिल जाता है लेकिन अगर आपको लगातार बुखार बना ही रहता हो। दवा खाने के बाद आपको आराम मिल जाता हो लेकिन कुछ समय के बाद फिर से आपके शरीर का तापमान बढ़ने लगता हो तो आपको तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

7. त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना

अगर आपकी त्वचा पर अचानक लाल चकत्ते उभर आएँ तो आपको तुरन्त डॉक्टर से मिलना चाहिए। यह भी एड्स का एक प्रारम्भिक लक्षण है।

8. याददाश्त कम होना

अगर आपको अपनी याददाश्त में फर्क महसूस होने लगे तो यह एड्स के कारण भी हो सकता है। वैसे तो बढ़ती उम्र में याददाश्त का कम होना एक आम बात है। लेकिन अगर कम उम्र में ही आपकी याददाश्त कम होने लगे तो आपको तुरन्त इसकी जाँच करवानी चाहिए।

9. शरीर में दर्द रहना

अगर कम उम्र में ही आपके शरीर में लगातार दर्द बना रहता है। जोड़ों की समस्या जो अक्सर बढ़ती उम्र में होती है आपको अभी से होने लगे तो आपको अपने रक्त की जाँच करवानी चाहिए।

10. रात को पसीना आना

अगर बहुत ज्यादा गर्मी न होने के बाबजूद भी आपको रात में पसीना आता हो और यह समस्या आपको पिछले कुछ ही समय से हो रही हो तो इसका एक कारण एड्स भी हो सकता है। आपको इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।



एड्स का इलाज (एड्स का उपचार)

दुर्भाग्य की बात यह है कि एड्स का कोई इलाज नहीं है। यह एक लाइलाज बीमारी है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि एड्स से बचाव ही एड्स का इलाज है। आज तक ऐसी कोई दवा नहीं बनी है जो एड्स की इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सके। कुछ दवाएँ ऐसी जरूर हैं जिनका इस्तेमाल करके हम अपने जीवनकाल को थोड़ा बढ़ा सकते हैं। ऐसे में सावधानी ही एड्स के बचाव का एक कारगर उपाय है।

एड्स से बचाव

नीचे बतायी गयी बातों का ध्यान रखकर हम एड्स (AIDS) जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं –

1. असुरक्षित यौन सम्बंधों से बचें।

2. शेव करते या करवाते समय हमेशा नए ब्लेड का प्रयोग करें।

3. खून लेते समय उसकी जाँच अवश्य करवा लें।

4. इंजेक्शन लगवाते समय हमेशा नयी सिरिंज का ही इस्तेमाल करें।

आशा है हमारे इस लेख को पढ़कर आपको अपने इन सवालों के जवाब मिल गए होंगे कि HIV एड्स कैसे होता है (HIV AIDS Kaise Hota Hai in Hindi), एड्स कैसे होता है, HIV कैसे होता है, HIV एड्स कैसे होता है, HIV एड्स क्या है, HIV एड्स के लक्षण (HIV AIDS ke Lakshan), HIV AIDS Kaise Hota Hai in Hindi, AIDS Kaise Hota Hai, एड्स कैसे होता है। 

उम्मीद है आपको हमारा यह लेख (HIV एड्स कैसे होता है, HIV AIDS Kaise Hota Hai in Hindi) जरूर पसन्द आया होगा। आपको हमने एड्स (AIDS) के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है। हमारे इस लेख को पढ़कर आपको अपने कई सवालों का जवाब मिल गया होगा। फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप नीचे Comment करके हमसे पूँछ सकते हैं। हम आपको आपके सवाल का जवाब जरूर देंगे।

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